नक़ल
जय माता दी,
आज का दिन मेरे लिए बहुत बढिया हैं .ऑरकुट पर मुझे एक मार्गदर्शक मित्र मिली(Dr. Meera Shukla) .संयोग ऐसा हुआ की मेरे साथ उनका भी सोशल वेलफेयर में इंटेरेस्ट है.पहली बार उनके प्रोफाइल में मुझे जो अच्छा लगा उसे इस उम्मीद से आपलोगों के साथ बाँट रहा हूँ की आपलोगों को भी अच्छा लगेगा .
मेरी रगों में जो लहू है , वो देश की अमानत है ...
जहाँ जहाँ हो जरूरत , इसे वसूल कर लेना .....
साथियो साथ दो चलना हमें आता है ,हर आग से वाकिफ है जलना हमें आता है......
रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो,
तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो.
खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी,
तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो.
मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें,
महक वंफा की रखो और बेहिसाब रखो.
बंद हाथ तुम आये हो दुनिया में क्या लाये हो
हाथ पसारे जाओगे दुनिया से क्या ले जाओगे
जीता-हारा,खोया-पाया ,सब का सब रह जायेगा
साथ नहीं कुछ जायेगा,सब का सब मिट जायेगा
भूली बिसरी यादो को केवल यही छोड़ कर जाओगे
नाम ही नाम रह जायेगा तुम पंचतत्व में मिल जाओगे
हमें Dr. Meera Shukla जी का धन्यवाद करना चाहेया .
आज का दिन मेरे लिए बहुत बढिया हैं .ऑरकुट पर मुझे एक मार्गदर्शक मित्र मिली(Dr. Meera Shukla) .संयोग ऐसा हुआ की मेरे साथ उनका भी सोशल वेलफेयर में इंटेरेस्ट है.पहली बार उनके प्रोफाइल में मुझे जो अच्छा लगा उसे इस उम्मीद से आपलोगों के साथ बाँट रहा हूँ की आपलोगों को भी अच्छा लगेगा .
मेरी रगों में जो लहू है , वो देश की अमानत है ...
जहाँ जहाँ हो जरूरत , इसे वसूल कर लेना .....
साथियो साथ दो चलना हमें आता है ,हर आग से वाकिफ है जलना हमें आता है......
रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो,
तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो.
खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी,
तुम अपने हाथ में किरदार की किताब रखो.
मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें,
महक वंफा की रखो और बेहिसाब रखो.
बंद हाथ तुम आये हो दुनिया में क्या लाये हो
हाथ पसारे जाओगे दुनिया से क्या ले जाओगे
जीता-हारा,खोया-पाया ,सब का सब रह जायेगा
साथ नहीं कुछ जायेगा,सब का सब मिट जायेगा
भूली बिसरी यादो को केवल यही छोड़ कर जाओगे
नाम ही नाम रह जायेगा तुम पंचतत्व में मिल जाओगे
हमें Dr. Meera Shukla जी का धन्यवाद करना चाहेया .
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