MUKESH HISSARIYA,PATNA

Sunday, April 25, 2010

विधि अरोरा जी के जज्बे को सलाम

जय माता दी,
रविवार २५/०४/२०१० को Ibn live पर मैं अपना मनपसंद प्रोग्राम Jindgi live देख रहा था .एक स्टोरी ने मुझे जक्झोर कर रख दिया .भ्रूण हत्या से जुडी स्टोरी ने वाकई दिल को छुह लिया .विधि अरोरा जी के जज्बे को सलाम .१६/०७/२०१० को पटना के श्री कृष्ण मेमोरीअल हॉल में माँ वैष्णो देवी सेवा समिति के बैनर तलें ५१ गरीब कन्याओं की शादी का प्रोग्राम कर रहे हैं .माँ वैष्णो के कृपा हुई तो हम इस प्रोग्राम में उनका सम्मान करेंगे जिन्होंने पुरुष प्रधान समाज में नया इतिहास लिखा है .

इस हिर्दय विदारक घटना को आप भी देख सकते हैं लिंक है
http://khabar.josh18.com/videos/6444/12_2008/zl1214

इस मौके पर मेरे एक मित्र सुमित चमरिया की ये पंक्तियाँ हमेसा मुझे अच्छी लगती है उसे मैं शेयर कर रहा हूँ

हम वोह पत्ते नहीं जो शाख से गिर जाएं
तूफानों से कहो ज़रा औकात में रहे हम तो अभिशापों से वरदान जुटा लेते हैं
गम से भी खुशियों के सामान जुटा लेते हैं
वो जो मनहूस है रो रो के वो जीते होंगे
हम तो आंसू से भी मुस्कान जुटा लेते हैं !!!!!!!!


ग़र्भ में अब मिटाई जाती है ।
भ्रूण हत्या कराई जाती है ॥
आज क्या हो गया ज़माने को ।
बोझ क्योंकर बताई जाती हैं ।।
जिसको रहमत कहा था ईश्वर की ।
अब वो जहमत बनाई जाती है ।।
बेटियाँ जब बहु बना करतीं ।
आग में क्यूँ कर जलाई जाती हैं ॥
जिसने बाबुल के घर को खुशियाँ दी ।
क्यों वो हरदम रुलाई जाती हैं ॥
जग में आने से रोकते हैं क्योंकर ।
जब की लक्ष्मी बताई जाती है ।।
कम से कम इतना तो समझो लोगों ।
क्यूँ ये संख्या घटाई जाती है ।।
इसके होने से ही हम सब होंगे ।
ये समझ क्यों न पाई जाती है ॥
आओ सब मिलके प्रण करें ।
बात हर घर सुनायी जाती है ॥

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