MUKESH HISSARIYA,PATNA

Tuesday, June 22, 2010

माँ वैष्णो सम्मान के दावेदार



जय माता दी,
१६ जुलाई के नेक सामाजिक आयोजन में हमलोग छह लोगों को सम्मानित करना चाहते जिन्होंने बिहार का नाम बहुत ऊँचा किया है और बिहार के लोगों के लिए आदर्श बन सकते हैं कुछेक नाम सामने आयें हैं समिति तहेदिल से आभरी है अनुरंजन झा जी का जिन्होंने हमारा कiम काफी आसान कर दिया है .माँ वैष्णो की कृपा सदा उनपर बनी रहे,यही दुआ है
१.युवा लेखक अमित झा भोजपुरी फ़िल्म जगत और सीरियल लेखन की दुनिया में एक जाना-माना नाम हैं. अपनी पहली ही फ़िल्म “मुंबई की लैला, छपरा की छैला” से वे चर्चा में आये. कई फ़िल्मों की पटकथा और संवाद लिखे. 2007 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी डायलॉग राइटर का अवार्ड भी मिला. “बिहारी माफ़िया” के लिये नौमिनेशन मिला. भोजपुरी धारावाहिक 'बाहुबली' और 'सातो वचनवा निभाइब सजना’ के संवाद भी उन्होंने लिखे. सिनेमा को अपना पैशन मानने वाले 32 वर्षीय अमित झा, इन दिनों कलर्स के लिये “भाग्यविधाता”, सहारा वन के लिये “बिट्टो” और इमेजिन के लिये “काशी” लिख रहे हैं. दो-तीन साल की रिसर्च के बाद एक हिन्दी फीचर फ़िल्म की स्क्रिप्ट पर भी काम शुरु कर चुके है.

2.वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द मोहन अमर उजाला के कार्यकारी संपादक हैं। 30 साल से ज्यादा के अपने करियर में अरविंद मोहन जनसत्ता, इंडिया टुडे और दैनिक हिंदुस्तान में अहम पदों पर रहे हैं। आर्थिक मामलों के उम्दा जानकार अरविंद मोहन ने बतौर सहायक संपादक दैनिक हिंदुस्तान ज्वाइन किया था और लगभग एक दशक बाद संपादक (Development and Quality Control) के पद से इस्तीफा दिया। हिंदुस्तान के बाद वो सीएसडीएस से जुड़ गए और वहां कई प्रोजेक्ट्स को बखूबी अंजाम दिया। फिलहाल दैनिक जागरण के मीडिया इँस्टीट्यूट में अध्यापन कार्य कर रहे थे।

Friday, June 18, 2010

अमृत वाणी

जय माता दी ,
गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है, न कि किसी ऊँचे स्थान पर बैठ जाने से I
राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर कौआ गरुड़ नहीं बन जाता !!

आप अपनी अच्छाई का जितना अभिमान करोगे, उतनी ही बुराई पैदा होगी I
इसलिए अच्छे बनो पर अच्छाई का अभिमान मत करो !!

चिंता करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता,
बल्कि समस्या के समाधान के लिए प्रयास की जरुरत होती है !!

वृक्ष आपने सिर पर गरमी झेल लेता है,
किन्तु आपनी छाया से औरो को गरमी से बचाता है !!

भक्त को भगवान की सेवा में आनंद आता है
तथा भगवान को भक्त की सेवा में आनंद आता है !!


दुःख भोगने वाला तो सुखी हो सकता है,
पर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता !!