MUKESH HISSARIYA,PATNA

Thursday, July 22, 2010

सात फेरों के सातों वचन

वर खोजूं, वर खोजूं..

वर खोजूं, वर खोजूं बाबा रे
अब भइलो विहन जोग..
विवाह एक ऐसा संस्कार है, जिसमें भाग लेने मात्र से ही जीवन पवित्र हो जाता है. और यदि अनाथ लोगों का सामूहिक विवाह हो, तब तो कहना ही क्या. हर कोई अपनी हैसियत से इसमें डोनेट करता है. लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने ये बातें आई नेक्स्ट के साथ शेयर की. श्रीमती अवस्थी ने कहा कि मैं तो उस ऑर्गनाइजेशन को थैंक्स करती हूं, जिसने ऐसा करने की सोची. रीयल सोशल सर्विस यही है. श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस कल्चरल इवेंट में शरीक होने के लिए श्रीमती अवस्थी ने खास तौर से तैयारी की है. इस मौके पर श्रीमती अवस्थी के विवाह गीतों पर लोग झूम उठे.







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