MUKESH HISSARIYA,PATNA

Thursday, October 15, 2009

अनकही

एक मानव श्रेष्ठ ने क्या खूब कहा है,"चीज़ों को बदलने के लिए, चीज़ों को समझना पड़ता है और इस प्रक्रिया में मनुष्य खुद भी बदल जाता है"। दुनिया को बदलने के लिए, इसे समझा जाना आवश्यक है।

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